उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई सौभाग्य योजना, जिसका लक्ष्य हर गरीब घर तक मुफ्त बिजली कनेक्शन पहुंचाना था। कागजों पर अपना लक्ष्य पूरा करने के बाद यह योजना बंद की जा चुकी है। 2019 लोकसभा चुनावों से पहले राज्य सरकार द्वारा यह घोषणा की गई थी कि राज्य के हर गरीब परिवार को मुफ्त बिजली कनेक्शन मुहैया करा दिया गया है। 2018 में शुरू हुई सौभाग्य योजना की एक साल में शत प्रतिशत सफलता को लेकर न सिर्फ खुद मुख्यमंत्री अजय बिष्ट बल्कि अन्य मंत्रियों तथा अधिकारियों ने भी जमकर सफलता का ढोल पीटा था।
चुनाव बाद हुआ सर्वे जमीनी हकीकत को बयां कर रहा है, जहां उत्तरप्रदेश के कई जिलों में करीब 18 लाख ऐसे गरीब परिवारों के घर हैं, जिन्हें बिजली कनेक्शन उपलब्ध नहीं कराया गया है। सर्वाधिक प्रभावित जिलों में जौनपुर, प्रतापगढ़, गोंडा, बहराइच, अंबेडकरनगर, संतकबीरनगर, कानपुर, झांसी, फतेहपुर, आजमगढ़, बरेली, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, बिजनौर, बागपत, हापुड़, मेरठ, सहारनपुर, बुलंदशहर और अलीगढ़ हैं।
जमीनी स्तर पर लोगों को समस्या यह आ रही है कि सौभाग्य योजना 31 मार्च 2019 को बंद कर दी गई, जिसकी वजह से गरीब परिवारों को स्थानीय कार्यालयों की दौड़ लगाने के बावजूद इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का कहना है कि केन्द्र सरकार से सौभाग्य योजना की मियाद बढ़ाने की गुहार लगाई गई है, स्वीकृति मिलने के बाद योजना को दुबारा शुरू किया जाएगा।सौभाग्य योजना घोटाला : 18 लाख घरों में बिजली नहीं, योजना बंद।
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उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई सौभाग्य योजना, जिसका लक्ष्य हर गरीब घर तक मुफ्त बिजली कनेक्शन पहुंचाना था। कागजों पर अपना लक्ष्य पूरा करने के बाद यह योजना बंद की जा चुकी है। 2019 लोकसभा चुनावों से पहले राज्य सरकार द्वारा यह घोषणा की गई थी कि राज्य के हर गरीब परिवार को मुफ्त बिजली कनेक्शन मुहैया करा दिया गया है। 2018 में शुरू हुई सौभाग्य योजना की एक साल में शत प्रतिशत सफलता को लेकर न सिर्फ खुद मुख्यमंत्री अजय बिष्ट बल्कि अन्य मंत्रियों तथा अधिकारियों ने भी जमकर सफलता का ढोल पीटा था।
चुनाव बाद हुआ सर्वे जमीनी हकीकत को बयां कर रहा है, जहां उत्तरप्रदेश के कई जिलों में करीब 18 लाख ऐसे गरीब परिवारों के घर हैं, जिन्हें बिजली कनेक्शन उपलब्ध नहीं कराया गया है। सर्वाधिक प्रभावित जिलों में जौनपुर, प्रतापगढ़, गोंडा, बहराइच, अंबेडकरनगर, संतकबीरनगर, कानपुर, झांसी, फतेहपुर, आजमगढ़, बरेली, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, बिजनौर, बागपत, हापुड़, मेरठ, सहारनपुर, बुलंदशहर और अलीगढ़ हैं।
जमीनी स्तर पर लोगों को समस्या यह आ रही है कि सौभाग्य योजना 31 मार्च 2019 को बंद कर दी गई, जिसकी वजह से गरीब परिवारों को स्थानीय कार्यालयों की दौड़ लगाने के बावजूद इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का कहना है कि केन्द्र सरकार से सौभाग्य योजना की मियाद बढ़ाने की गुहार लगाई गई है, स्वीकृति मिलने के बाद योजना को दुबारा शुरू किया जाएगा।
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